आईवीएफ़ मे क्या खर्च होता है ?

आइवीअफ कराने  मे कितना खर्चा होता है ?

Click on the link above

आईवीएफ़ एक सफल पद्धति है , निःसंतान दम्पत्ति जो संतान सुख से वंचित है उनके लिये यह एक उम्मीद की किरण है। आधुनिक तकनीक होने के कारण इस इलाज मे खर्च ज्यादा होता है । भारत मे यह खर्च ₹1,50,000 से  ₹3,00,000 तक आता है । खर्च मे अंतर विभन्न कारण से होता है, कुछ प्रमुख कारण है – कितने बार यह परिकरिया करना है , अलग से कुछ और प्रक्रिया करना हो, जैसे जनेटिक टेस्ट, किस जगह आईवीएफ़ सेंटर स्थित है,वह पे रहने का खर्च क्या है, डोनर के अंडे या किटाणु की जरूरत पड़ना, कितने एम्ब्रीओ को फ्रीज़ करना है और कितने साल के लिये, इत्यादि। 

श्रद्धा आईवीएफ़ मे हमारा प्रयास है की ₹ 1,50,000 मे एक सामान्य दम्पत्ति का इलाज हो जाये , अगर डोनर इत्यादि की जरूरत पार्टी है तो ही खर्च इससे ज्यादा हो सकता है । 

**"हमारा उद्देश्य ज़रूरतमंद दम्पतियों की मदद करना है, इसलिए हमारी लागत बहुत कम रखी गई है।
साथ ही आपको आसान ईएमआई सुविधा भी मिलेगी –
👉 1 साल की योजना: ₹14,000 से कम प्रति माह
👉 2 साल की योजना: ₹7,000 से कम प्रति माह


इसके साथ ही हम डिलीवरी के लिए मातृत्व कवर भी सुनिश्चित करते हैं
और सबसे खास – डिलीवरी का पूरा खर्च बिल्कुल फ्री!

यह बात समझने योग्य है की अगर कोई अस्पताल इससे काम खर्च मे इलाज करने का दावा करता है तो , शायद उसके पास सम्पूर्ण साधन एण्ड उच्च  श्रेणी की मशीन नहीं है । इस लिये उसका लागत काम है। 
लागत से कम खर्च  मे इलाज करना संभव नहीं है । 

किस किस हिस्सों मे खर्च को बांटा जा सकता है?

निमलिखित प्रक्रिया मे खर्च को बांटा जा सकता है - 

1.डॉक्टर से परामर्श का खर्च 

2. दवाएओ का खर्च – कुछ महंगी सुई जो अंडा को बनाने मे मदत करती है और गर्भासए को तयार करने मे मदद करती है. 

3. विभिन जांच का खर्च – जैसे अल्ट्रसाउन्ड , खून जांच, स्पर्म का जांच इत्यादि। 

4. आँड़े की प्राप्ति – अल्ट्रसाउन्ड की मदद से अंडसे से अंडे को निकालना, इसमे मे परिकरिया के अलावा बेहोसी का खर्चा, डॉक्टर की फी, अस्पताल का फी इत्यादि । 

5. परूस के किटाणु को तयार करना, किटाणु काम होने पर सुई दे अंडसे से किटाणु को निकालना, या किटाणु को फ्रीज़ करना, भविसय मे इस्तेमाल करने के लिये। 

6. भ्रूण का जन्म होना और उसका विकास होने की प्रक्रिया जटिल होती है, इसमे इस्तेमाल होने वाले यंत्र महंगे होते है, और इस प्रक्रिया को करने वाले एमबरीऑलोगीस्ट का फी भी होता है। 

7. भ्रूण का टेस्ट ट्यूब मे जन्म होने के बाद, उसका माँ के गर्भ मे प्रत्यारोपण मे आने वाला खर्च। इसमे डॉक्टर का फी, बेहोसी का खर्च, सल्या चिकितया का खर्च। 

9. बचे हुए भ्रूण के भविसया मे इस्तेमाल करने के लिये उसके फ्रीज़ करना का खर्च । 

श्रद्धा आईवीएफ़ मे आईवीएफ़ करने का खर्च इतना कम कैसे है ?

श्रद्धा आईवीएफ़ मे हम प्रतिबद्ध है निःसंतान दम्पत्ति को मदत करने के लिये, और हम नहीं चाहते की खर्च के कारण कोई दंपति आईवीएफ़ नहीं कर सके । हमारी कोशिश है की उचित खर्च मे विश्वस्तरीय पद्धति द्वारा आईवीएफ़ का इलाज हर दम्पत्ति तक पहुचाया जाए । 
खर्च काम करने के लिये हम लोग सीधे फार्मसूटिकल कंपनी जो सुई बनाती है उनसे थोक मूल्य मे सुई उपलब्ध करते है , और इसी कारण से लागत काम हो जाता है और फिर ये फैदा हम मरीज तक पहुचते है जिससे खर्च कम हो जाता है । 

IVF का इलाज बहुत महंगा है,  हम नहीं करा पाएंगे 

आपको यह समझना पड़ेगा कि अगर समान्य कोशिश के बाद भी अगर आपको बच्चा नहीं ठहर रहा है तो यह समस्या बात नहीं है,  यह एक बीमारी है,  और बीमारी गरीब आमिर देख कर नहीं आता है । 

और बीमारी का इलाज आमिर और गरीब के लिए अलग अलग नहीं होता है ।   

हाँ सुविधा के अनुसार आमिर ज्यादा महंगे IVF सेंटर में जा सकते है ।  

हमारे यहां श्रद्धा आईवीएफ़ मे उचित खर्च में,  सर्वोच्च चिकित्सा पद्धति से आईवीएफ़ का इलाज किया जाता है। हमारे यहा ये व्यापार नहीं है, यह के सेवा है , एक संकल्प है बांझपन की परिभाषा को समाप्त करने के लिये । 
आईवीएफ़ चिकित्सा पद्धति मे ज्यादा खर्च इस लिये होता है क्योंकि इसमे इस्तेमाल किये जाने वाले सारे मशीन , दवा , मीडिया जिसमे बच्चे जनमते है , और यहा तक ही एम्ब्रीआलजी लैब मे इस्तेमाल किये जाने वाले पोंछे का केमिकल भी विदेश से आता है । और ये सब बहुत महंगे है । हमारे यह खर्च काम है क्योंकि हम दवाई सीधे फार्मा कंपनी से लेते है जिससे चर्च काम हो जाता है , और यह बचत हम आप तक पहुचते है । 

 

आपको यह तय करना है की बच्चा होना आपके लिए क्या मायने रखता है.  अगर आप अपने वंश को आगे चलाना चाहते है तो आप अवश्य IVF की आधुनिक चिकित्सा पद्धति का सहारा ले,  ऊपर वाला ने चाहा तो आपकी गोद अवश्य भरेगी. 

हम आपके साथ है,  किसी  भी स्पष्टीकरण या सवाल का जवाब आप मुझसे सीधे ले सकते है.